भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ
भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ की स्थापना से पहले मजदूर संगठन राजनीतिक पार्टियों से सम्बन्धित थे तथा पार्टी के मजदूर संगठन के रूप में कार्य करते थे। प्रारम्भ में अन्य मजदूर संगठनों का विरोध तथा व्यंग्य भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ के कार्यकर्ताओं को सहना पड़ता था, लेकिन भारतीय मजदूर संघ ने केवल राष्ट्रवादी विचारधारा के राजनीतिक श्रमिक संगठन के रूप में अपना कार्य प्रारंभ किया तथा आज भी उसी सिद्धान्त पर कायम है। कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जिसकी विचारधारा राष्ट्रवादी हो वह इसका नेता बन सकता यदि इसका पदाधिकारी वह पार्टी जिसकी विचारधारा राष्ट्रवादी हो उस पार्टी से चुनाव लड़ सकता है तथा इसका कोई भी सदस्य राजनीतिक चुनाव जीतकर भी पदाधिकारी रह सकता है भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ ने अन्य श्रमिक संगठनों से हटकर कई नये नारे तथा विचार श्रमिकों के सामने रखे। “भारत माता की जय” के साथ श्रमिक हमारी जान है एकता हमारी शान है का उद्घोष पहली बार कर्मचारियों व श्रमिक आन्दोलन में हुआ। भारतीय मजदूर संघ के कुछ सूत्र इस प्रकार हैं-
1. देश हित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम।
2. हमारे संगठन . की क्या पहचान, त्याग-तपस्या और बलिदान।
3. नया जमाना आयेगा, कमाने वाला खिलायेगा।
4 राष्ट्र का औद्योगिकीकरण, उद्योगों का श्रमिकीकरण, श्रमिकों का राष्ट्रीयकरण
17 सितम्बर विश्वकर्मा जयन्ती को राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाना तय किया गया।